नालंदा, विक्रमशिला से भी पुरानी है तेल्हारा यूनिवर्सिटी

दुनिया की प्राचीन यूनिवर्सिटी अब तक नालंदा यूनिवर्सिटी को माना जाता है. लेकिन हाल ही में बिहार के नालंदा जिले में की गई खुदाई में तेल्हारा विश्वविद्यालय के अवशेष मिले हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, अवशेष के आधार पर कहा जा सकता है की तेल्हारा विश्वविद्यालय नालंदा और विक्रमशिला विश्वविद्यालय से भी प्राचीन है।


दुनिया की प्राचीन यूनिवर्सिटी नालंदा विश्वविद्यालय को कहा जाता है, लेकिन हाल ही में बिहार के नालंदा जिले में की गई खुदाई में तेल्हारा विश्वविद्यालय के अवशेष मिले हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, अवशेष के आधार पर कहा जा सकता है कि, तेल्हारा विश्वविद्यालय नालंदा और विक्रमशिला विश्वविद्यालय से भी प्राचीन है।

बिहार के युवा इतिहासकार ई. विक्रम गुप्ता ने कहा कि खुदाई से प्राप्त प्रमुख निष्कर्षों के आधार पर इस बात की पुष्टि की का सकती है की, तेल्हारा विश्वविद्यालय नालंदा और विक्रमशिला विश्वविद्यालय से भी पुराना है, ई. विक्रम गुप्ता ने कहा कि, "पुरातत्वविदों" की एक टीम को नालंदा जिले में चार बौद्ध मठों के प्रमाण मिले हैं जो की टेराकोटा से बने हैं, और उनपर पाली भाषा में लिखा है- 'श्री प्रथमशिवपुर महाविहारीयाय बिक्षु संघ' यह विश्वविद्यालय के मूल नाम का संकेत देते हैं, आमतौर पर इसे तिलवाड़ विश्वविद्यालय कहा जाता है।


ई. विक्रम गुप्ता ने कहा कि चीनी यात्री ह्वेनसांग ने सातवीं शताब्दी में ताल विश्वविद्यालय का दौरा किया था और उन्होंने अपने लेख में इसे 'तेलेत्का' के रूप में किया है, पुरातत्वविदों ने उस ईंट की खोज की है जिसे इस प्राचीन विश्वविद्यालय के नींव के रूप में उपयोग किया गया था। उन्होंने कहा की "ईंट का परिमाप 42x32x6 सेंटीमीटर है", जिससे पहली शताब्दी के कुषाण काल के प्रभाव का खुलासा होता है। इस बात के पुख्ता सबूत है की चौथी शताब्दी के नालंदा विश्वविद्यालय और छठी शताब्दी के विक्रमशिला विश्वविद्यालय से तेल्हारा विश्वविद्यालय अधिक प्राचीन है।
उन्होंने कहा की यहां 100 से भी ज्यादा साक्ष्य मिले हैं। उल्लेखनीय है की तेल्हारा में 2009 में तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के निर्देश पर खुदाई का कार्य प्रारंभ किया गया था।



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